Wednesday, June 20, 2007

ये प्यार है ...

जब गया करीब उसके
ज़रा दूर हो गई
जब की बात उससे
ज़रा खामोश हो गई
मैं हुआ खफ़ा तो
आज फिर उसने क्हा
मैं करती हूँ प्यार तुम्हे
समझते तुम क्यों नही
सही है हम ही ना समझ है
मगर फिर किसी ने क्यों कहा
ये प्यार है
पृदर्शन माँगता है यह...
--- अमित २०/०६/०७

1 comment:

Anonymous said...

nice one amit