पहले सोचा
जाकर उसको बोल दूं,
फिर ख्याल आया
कहीँ वो समझे
मैंने सफाई दी,
सच ही तो था
मेरे जीवन कि किताब
उसने इतनी पास रखी
कि , उसकी लिखाई उसको दिखाई ना दीं ....
--- अमित ०३/०६/०७
जाकर उसको बोल दूं,
फिर ख्याल आया
कहीँ वो समझे
मैंने सफाई दी,
सच ही तो था
मेरे जीवन कि किताब
उसने इतनी पास रखी
कि , उसकी लिखाई उसको दिखाई ना दीं ....
--- अमित ०३/०६/०७
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