Wednesday, June 6, 2007

फिर आई उसकी याद ...

बाद अर्से के
फिर आई उसकी याद,
बता रही है आँखें मेरी
कहानी बीती रात की,
अभी तो हमने मिलन के
सपने संजोए भी ना थे ,
चिर निन्द्रा सी आंखों मे
आ बसी ये जालिम यादें,
चाहा तो दोनो ने ही दिल से था
इकरार भी दिलों का दिल से था,
किये थे सजदे खुदा के भी
माँगा भी दुआओं में दिल से था,
ना जाने क्यों खुदा को
हमारी मोह्बत ना रास आई,
और उसने जुदाई
हमारी तकदीर बनाई,
छिना तेरा दामन उसने मेरे हाथ से
और किये हमेशा को जुदा तेरे मेरे रास्ते ,
और दे दी तद्पाने को
वोह प्यार भरी यादें ,
सूख चुके थे अब तो सारे आंशु
और थक चुकी थी मेरी आँखें ,
दफ़न हो गए थे सारे अरमान
अधूरी रह गई सारी खवाहिशे
और रूठ गई थी मुझसे सारी खुशियाँ
तेरे जुदा होने से ,
फिर भी ना जाने क्यों
आज फिर आई तेरी याद,
मैं तो आज फिर दुआ को हाथ उठाता हूँ
खुदा से और कुछ नही
सिर्फ तेरी खुशियाँ माँगता हूँ ...


--- अमित २०/०३/०५

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