आज चांद रात है , पूरे चांद की रात
आसमान में सिर्फ, चांद नज़र आता है
छत पर बैठा चांद को निहार रहा
दूर से आती रात की रानी की महक, मदहोश कर जाती है
और यह हवा , यह पागल हवा, नश्तर सा चलती है
यह नश्तर है , तेरी याद का नश्तर
हवा कि रवानगी कुछ और ही बयान करती है
शायद आज तू बहुत खुश है
हवा में तेरी ख़ुशी साफ झलक पड़ती है
इस चांद को क्या कहूँ
यह आज कुछ खास नज़र आता है
और ऐसा क्यों ना हो
इसमे मुझे तेरा चेहरा नज़र आता है
ना जाने अब मैं क्या करु
हर आहट हर दस्तक
हर जगह तेरा चेहरा नज़र आता है
कितना बेबस हूँ ,
इक अश्क भी नही गिरा सकता ,उसे खो नही सकता
उस में भी तेरा चेहरा नज़र आता है
अब तो यह दुआ है , इस रात कि सुबह ना हो
ना जाने क्यों इस दुआ में असर नज़र आता है
तू ना जाने कब आयगी
मेरी सांस ना थम , येहि सोच कर दिल घबराता है
क्या करु मुझे हर सू तेरा चेहरा नज़र आता है...
---- अमित ०१/१०/०४
आसमान में सिर्फ, चांद नज़र आता है
छत पर बैठा चांद को निहार रहा
दूर से आती रात की रानी की महक, मदहोश कर जाती है
और यह हवा , यह पागल हवा, नश्तर सा चलती है
यह नश्तर है , तेरी याद का नश्तर
हवा कि रवानगी कुछ और ही बयान करती है
शायद आज तू बहुत खुश है
हवा में तेरी ख़ुशी साफ झलक पड़ती है
इस चांद को क्या कहूँ
यह आज कुछ खास नज़र आता है
और ऐसा क्यों ना हो
इसमे मुझे तेरा चेहरा नज़र आता है
ना जाने अब मैं क्या करु
हर आहट हर दस्तक
हर जगह तेरा चेहरा नज़र आता है
कितना बेबस हूँ ,
इक अश्क भी नही गिरा सकता ,उसे खो नही सकता
उस में भी तेरा चेहरा नज़र आता है
अब तो यह दुआ है , इस रात कि सुबह ना हो
ना जाने क्यों इस दुआ में असर नज़र आता है
तू ना जाने कब आयगी
मेरी सांस ना थम , येहि सोच कर दिल घबराता है
क्या करु मुझे हर सू तेरा चेहरा नज़र आता है...
---- अमित ०१/१०/०४
3 comments:
लगता है ये सब सब के साथ होता है । मै भी एक सर्वे कर रहा हूँ ।
वक्त मिले तो आना हमारी गली भूले बिसरे ....
http://oldandlost.blogspot.com/
Aap ki gali to main aa he chuka hoon. Rachna jee ke dekhaaye raastey se...
raasta manjil saab dekhtaa rahe tum ko hamesha yaehi dua hae
rachna
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