Saturday, May 18, 2013

कॉस्ट कटिंग...

आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई
चहुँ ओर देते, चिन्ह इसके दिखाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

कभी कुम्भ सी जाती थी यह मनाई
दिवाली से अब तो हर बरस जाती मनाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

उडती ख़बरों पर सबसे पहले रोक लगाई
नये साल से न दिया कोई अखब़ार दिखाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

चाय- बिस्किट ने हमेशा ही नींद भगाई
नई के बहाने मशीने पुरानी सब हटवाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

गर्म- ठन्डे पानी की नदियाँ हमे बहुत बहाई
भरने एक बोतल अब लाइन हमने लगाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

गर्मी में पंखों ने जान सभी की बचाई
न अब देते वो पंखे चलते दिखाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

मौजे थी पार्टियों में हमने खूब मनाई
आदत यह हम पर अब भारी देती दिखाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

विदेश में जा की बहुत कमाई
स्वदेश में आ , आती बहुत रुलाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

खुश थे बहुत, जब पाँचो उंगलियाँ घी में नहाई
घबराते हो अब, जब मुसल सर पर आई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

क्यों भूले वो दिन, जब तुमको मौज कराई
तंग जो हुए हाथ, झुंझलाहट क्यों तुमने अपनाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

चैन की बंसी अब तक बहुत बजाई
समय है बदला, करो कमर कसाई
आई आई आई, फिर से "कॉस्ट कटिंग" आई ...

(Just For Fun )

No comments: