Saturday, May 18, 2013

मैं और मेरी सड़क यात्रा ...

गये कुछ महीनो काम पर जाना था अति दूर
खुश थे हम, सोचा शहर भ्रमण का मजा लेंगे भरपूर ...

शुरू में तो सरकारी सेवाओं के मजे खूब हमने उडाये
लेने ताज़ी हवा का आनंद दुचाकी के साथ मैदान में आये ...

अभी तक सुनी थी जो कथाये, चरितार्थ नज़र आईं
देख हालत यातायात की, जान हमारी बड़ी घबराईं ...

सुरक्षा के डर से हम रहते थे हमेशा घबराये
पर कुछ विशेष तथ्य जो निकल के सामने आये ...

सबसे बड़ी हैरानी, अधिकांश जनता को रंग अन्धता का शिकार पाया
लाल- हरी बत्ती का अंतर कभी उनको समझ न आया ...

इन दो रंगों में बेचारे उलझ हमेशा जाते
खुद भी होते परेशान, परेशानी औरों को पहुंचाते ...

अक्षर ज्ञान भी उनसे थोडा दूर ही नज़र आता
५० के निशान पर कोई ७० के नीचे नहीं जाता ...

चिन्हों की समझने की क्षमता भी यहाँ जरा कम पाई जाती है
"नो- पार्किंग" के नीचे है पहली गाडी लगाई जाती है ...

सड़क पर आ लोग कुछ बोराये से जाते हैं
बाये को दायाँ समझ, ओवर-टेक लगाये जाते है ...

करते है इशारा दाये को जायेंगे
कौन जाने कब बदले मूड, बाये को ये मुड जायेंगे...

कुछ भाई-बंधू तो इतना खो जाते है
बीच सड़क पर ही जाने क्या सोचने खड़े हो जाते है ...

एक बात तो दिल बड़ा दुखती है
हम है इतने समर्द्ध देश, पर जनता भूखी पाई जाती है ...

"स्पीड थिरिल्स-बट किल्स" बात न पूरी कभी हो पाती है
आधा भाग तो बेचारी भूखी जनता खा जाती है ...

अरे साब, ऐसा न सोचिये कमियां ही हमको नज़र आई
कुछ थी खूबियाँ भी, आकर्षित जो हमे कर पाई ...

समन्वय की भावना को लोगो में खूब पाया है
जहाँ थी जगह २ कतारों की, ५ गाड़ियों की कतार लगाया है ...

यह भावना कभी कभी और फूट कर बाहर आती है
जरा छु जाये दो गाडिया आपस में, फिर भरत-मिलाप की कहानी याद आती है...

कला हमारे यहाँ एक अनोखी पाई जाती है
हमारा ही है देश जहाँ नब्बे अंश पर गर्दन मोड़ गाडी चलाई जाती है ...

और कुछ भाई तो ऐसी करामाती गाड़ियाँ चलाते
देख उनका लहराना, नव-यौवना नाग-नागिन भी शर्माते...

शुमाकर -अगस्तिनी हमे हर दूजी गली में नज़र आते
सरकारी संरक्षण मिले उनको तो कितने खिताब घर आते...

सड़क पर चलना आज लगता जैसे एक लड़ाई है
अच्छा है समय रहते हम संभल जाये, वरना और घमासान होनी यह लड़ाई है ...

बाते तो जाने कितनी है, सोच हम थोडा भाव-विभोर हो जाते
यकीन मानिये, रोज़ सही-सलामत घर आ, ऊपर वाले को शीश नवाते ..
(Enjoying driving in pune these days USPS to Kharari)

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