सदियों पहले "नारद जी" ने
"रत्नाकर " से पूछा एक सवाल
क्या वो बनेगे पाप के भागी
करते हो जिनके लिए यह अत्याचार
जबाब ने झकझोरा था "रत्नाकर" को
उसने खोजा था फिर "वाल्मिकी" को
काश यह सवाल भी प्रथा बन जाता
और हर पुरुष इस सवाल को दोहराता
तस्वीर शायद कुछ और फिर बन जाती
कौन जाने एक सवाल से जिन्दगी बदल जाती ...
"रत्नाकर " से पूछा एक सवाल
क्या वो बनेगे पाप के भागी
करते हो जिनके लिए यह अत्याचार
जबाब ने झकझोरा था "रत्नाकर" को
उसने खोजा था फिर "वाल्मिकी" को
काश यह सवाल भी प्रथा बन जाता
और हर पुरुष इस सवाल को दोहराता
तस्वीर शायद कुछ और फिर बन जाती
कौन जाने एक सवाल से जिन्दगी बदल जाती ...
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