Thursday, July 12, 2007

तुम्हे क्या दे ...

सोचा किये तुम्हारे लिए
तारे तोड लाये
फिर ख्याल आया
ये आशिक कहॉ जायेंगे
जो तारे गिनते है
वोह अपनी रात कैसे बीतायेँगे
सोचा किये तुम्हारे लिए
चांद जमीन पर उतार लाये
ख्याल आया
ये शायर कहॉ जायेंगे
जो अपनी महबूबा देखते है चांद में
वोह अपनी ग़ज़ल कैसे बनायेगे
सोचा किये तुम्हारी राह में
फूलो को हम बिछायेंगे
ख्याल आया
ये भौरे कहॉ जायेंगे
जो लेते हैं कलियों का रस
वोह तो प्यासे ही मर जायेंगे
सोचते है तुम्हे और क्या दे
हमारे सूरज चांद सब तुम हो
तुम से दिन रात हमरी है
दिल तुम्हे दे चुके है
बस जिस्म हमारा है
और उस मे बसी जान तुम्हारी है.
--- अमित १२/०७/०७

1 comment:

nishusharma said...

WAH WAH sundr warnan pyaar ka....