शिकायत है उनकी
हमको प्यार नहीं आता
बने फिरते है शायर
इजहारे महोब्बत नहीं आता
जा कहीं, सीखे हम जरा
किसे कहते है प्यार
ताना अक्सर हमे दिया जाता
इन्ही नादानियों पे उनकी
हमको और प्यार आता
कैसे उन्हें कोई समझाए
अफ्सानाएं महोब्बत
लफ्जों से कम,
आँखों से बयां होता है
आँखों को पढ़ती है आँखें
और ज़ज्बात,
दिल समझ जाता है
ख़ामोशी की जो जुबाँ होती है
समझ उनको आती है
दिलो में जिनके
बस महोब्बत और महोब्बत होती है ...
हमको प्यार नहीं आता
बने फिरते है शायर
इजहारे महोब्बत नहीं आता
जा कहीं, सीखे हम जरा
किसे कहते है प्यार
ताना अक्सर हमे दिया जाता
इन्ही नादानियों पे उनकी
हमको और प्यार आता
कैसे उन्हें कोई समझाए
अफ्सानाएं महोब्बत
लफ्जों से कम,
आँखों से बयां होता है
आँखों को पढ़ती है आँखें
और ज़ज्बात,
दिल समझ जाता है
ख़ामोशी की जो जुबाँ होती है
समझ उनको आती है
दिलो में जिनके
बस महोब्बत और महोब्बत होती है ...
--- अमित १६ /०७/२०१०
12 comments:
तो मत करो
तो मत करो
तो मत करो
तो मत करो
तो मत करो
तो मत करो
बेहतरीन रचना ... दिल छुं गई ...
एहसासों को बखूबी लिखा है ..
किसने कह दिया कि आपको प्यार नहीं आता
प्यार तो आप करते हैं..ये बोलिए कि इजहार करना नहीं आता.
वो कौन सा गाना है न
छिपाना भी नहीं आता
बताना भी नहीं आता
हमें तुमसे मोहब्बत है
जताना भी नहीं आता
जब तक आप प्यार को जताएंगे नहीं ऐसा ही होगा। अच्छी रचना के लिए बधाई।
दिलो में जिनके
बस महोब्बत और महोब्बत होती है ...
बिल्कुल खामोशी कि जुबाँ सिर्फ़ दिल ही समझेगा और वो ही जिसमे मोहब्बत होगी।
Bahut Sundar bhai...
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