Wednesday, July 7, 2010

हाँ मगर ...

मेरे घर आई एक नन्ही पारी
गाना यह, माता-पिता को शायद
बहुत पसंद आया होगा
पारी ही घर भेज दें, यही सोच
ऊपर वाले ने इन्हें बनाया होगा !
अब परी कितनी आई, यह पता नहीं
हाँ मगर ,
नन्ही इतनी हैं, देती दिखाई नहीं !
पता नहीं परियां बोल भी पाती है ?
हाँ मगर ,
आवाज सुनाई इनकी नहीं आती है !
और बात यह समझदारी की है
भलाई इसी में है, आवाज न करें
क्यों दबाई वह फिर जानी है !
परियां का तो बस सुना ही है
हाँ मगर ,
सच में यें है बहुत दयालु
कहिये आप कुछ भी इनको
एक मुस्कान मिलेगी और काम चालु !
परियों के पाँव जमीन पर नहीं पड़ते
हाँ मगर ,
सुनते ही संगीत की ताने
कदम आप के खुद-बी-खुद थिरकते!
और अगर
इक्कठा ही होना है एक जगह
पर्फर्मंस एक होनी है लाज़मी ...
(अपने एक सह-कर्मी / दोस्त पर )


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