बात एक छोटी सी है
जरा कम समझ आती है
करो अगर इंतज़ार
कभी खुशियाँ नहीं आती है
करते करते इंतज़ार
लाखो खुशियाँ रेत सी
हाथों से निकल जाती है
कुदरत का दिया हर पल
बहुत ही है अनमोल
अभी देखो निकल गया एक पल
अब न आयगा ये कल
साथ ये भी लाया था खुशिया
फर्क सिर्फ इतना है
किसी ने समझा और अपनाया
किसी ने न समझा और गवाया ...
--- अमित १०/०६/२०१०
8 comments:
bahutahi badhiya baat
बस हर पल को जीयो क्योंकि प्रतिपल आदमी वर्तमान में ही जीता है। जो पल बीत गया और भूत बन जाता है और भविष्य कभी आता नहीं। इसलिए प्रत्येक परिस्थिति का सामना करो। बढिया कविता, बधाई।
हर पल को जियो...
वाह सुन्दर प्रस्तुति
...अच्छी भावपूर्ण रचना
बहुत बेहतरीन!
ACHCHA LIKHA HAI............APNE
बदिया लिखा है शुभकामनायें
good and wonderful expressions
you are becoming refined in your poetic expression every day
keep it up amit
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