Wednesday, September 5, 2007

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान ...


मन्दिर की आरतियों में

मस्जिद से आती अज़ानो में

गिरजा से होती प्रार्थना में

और गुरूद्वारे में होते कीर्तन में

सुबह-सुबह खेतों को जाते किसानो

स्कूल जाते बच्चों

घर के बाहर जा अपना काम करते लोगो

घर सम्भाती माँ, बहन, बीवी, भाभी

दूर सरहद पर खड़े जवानों

गलियों में हुडदंग करते बच्चों में

ईद-दिवाली मनाते लोगो में

क्रिसमस पर प्रार्थना करते लोगो में

बैसाखी पर भांगडा करने वालो में

कंप्यूटर पर काम करने वालो में

लबों में प्रयोग करने वालो में

यों तो पृथ्वी पर छोटा सा दिखता है

पर हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसता है

ये सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान ...


--- अमित ०५/०९/०७



3 comments:

नीरज दीवान said...

अनेकता में एकता.. हमारी है विशेषता.. बढ़िया रचना.. बधाई

Anonymous said...

badiya!

Anonymous said...

badiya!