इत्तिफाक से
इत्तिफाक बड़ी हसीं चीज़ है
इत्तिफाक बड़ी हसीं चीज़ है
इत्तिफाक से
आदम मिले हव्बा से
और बनी ये दुनिया
इत्तिफाक से
हम भूलें रास्ता
और पहुंचे तेरी गलियों में
इत्तिफाक से
तकती थी तुम किसी का रास्ता
इत्तिफाक से
किस्मत थी हमारी मेहरबान
और हुआ तुम को
मेरा कोई दुसरा शक्स होने का मुगालता
इत्तिफाक से
उस दिन अपना दिल भी ना माना
और रहने दिया हमने वो मुगालता
जब हुआ ज़ाहिर ये इत्तिफाक
दिल अपना हमे दे चुके थे आप
मगर ये सच मानो तुम
इतना सब होना
नही था महज़ एक इत्तिफाक
नही था महज़ एक इत्तिफाक
उपर खुदा ने लिख दिया था
पहले ही हमारा-तुम्हारा
जीवन भर का साथ ...
--- अमित ३०/०८/०७
1 comment:
इत्तिफाक कुछ नहीं होता !
:-)
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