हाँ; तो दोस्तो
एक हैं सुनीता जी,
इस चिट्ठाकारी की दुनिया की
एक जानी-मानी हस्ती !
कोई नही यहाँ पर
पढ़ता जो ना ब्लोग आप का
रोज -रोज आकर !
गुड सी मीठी इनकी कविता
बरबस ही हम सब का मन
उनको पढने को करता !
अभी गये दिनों
मानव कर्तव्यों ने इनको पुकारा
और देते हुए उनको मान
दे दिया आप ने
चिट्ठाकारी को अल्प-विराम
और सब को कह दिया; अलविदा !
ये चिट्ठाकारी भी; अज़ब बिमारी है
लग जाये तो; सब पर पड़ती भारी है
आप भी इस से बच ना पाई है
दो-दो कर्तव्यों का भार लिए
वापस येँ, हम लोगो के लिए आई है
हम भी पाठक धर्म निभायगे करते है वादा, रोज आपकी कविता पढने आएंगे ...
(सुनीता जी की वापसी पर)
एक हैं सुनीता जी,
इस चिट्ठाकारी की दुनिया की
एक जानी-मानी हस्ती !
कोई नही यहाँ पर
पढ़ता जो ना ब्लोग आप का
रोज -रोज आकर !
गुड सी मीठी इनकी कविता
बरबस ही हम सब का मन
उनको पढने को करता !
अभी गये दिनों
मानव कर्तव्यों ने इनको पुकारा
और देते हुए उनको मान
दे दिया आप ने
चिट्ठाकारी को अल्प-विराम
और सब को कह दिया; अलविदा !
ये चिट्ठाकारी भी; अज़ब बिमारी है
लग जाये तो; सब पर पड़ती भारी है
आप भी इस से बच ना पाई है
दो-दो कर्तव्यों का भार लिए
वापस येँ, हम लोगो के लिए आई है
हम भी पाठक धर्म निभायगे करते है वादा, रोज आपकी कविता पढने आएंगे ...
(सुनीता जी की वापसी पर)
--- अमित ०६/०९/०७
4 comments:
शुक्रिया अमित जी हम भी रोज आयेंगे आपको टिप्पीयाने बस भगवान से कहिये हमे इतना बिजी न किया करे कि हम अपने दोस्तो की रचनायें पढ़ न पायें
सुनीता(शानू)
गुड सी मीठी इनकी {sunita} कविता
and yours is also very nice appreciaton
बहुत सही व्यक्ति का स्वागत सही शब्दों में -- शास्त्री जे सी फिलिप
जिस तरह से हिन्दुस्तान की आजादी के लिये करोडों लोगों को लडना पडा था, उसी तरह अब हिन्दी के कल्याण के लिये भी एक देशव्यापी राजभाषा आंदोलन किये बिना हिन्दी को उसका स्थान नहीं मिलेगा.
लग जाये तो; सब पर पड़ती भारी है
वापस येँ, "हम" लोगो के लिए आई है ?
Good one...
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