गर सोया हो कोई, तो हम जगाने जायें
जागते हुए करे आँखे बंद, किया उनका क्या जायें...
अज्ञानी हो कोई, तो ज्ञान कुछ उसको दिया जायें
क्या होगा भला, भैंस के आगे जो बीन बजायें...
एकता में होती है बड़ी शक्ति, सुना हमने है
क्या करे कोई, बैर जो उँगलियों को आपस में हो जायें...
होता है दुःख अपने दिल को, हो जब अकारण नुक्सान
करे क्या उनका, जो खुद कर नुक्सान दिखाते अभिमान...
पालन किया जायें नियमों का, यह है इंसान की समझदारी
तोडना हर नियम को, लगता यहाँ इंसान की नैतिक जिम्मेदारी...
अंततः टूट ही जाती है , चीज़ कोई भी जो खींची बहुत जाये
क्या जाने कोई, इनकी कैसी यह मिट्टी है जो बस खिचती ही जायें...
जाने असंख्य कितने है गुण, हुई तब सब की यह प्यारी है
पहचान तो आप गये ही होंगे , यह भारत की जनता हमारी है ...
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