गये दिनों से शामे,
मोरिशस की कुछ उदास थी ,
"आधे" लिटल इंडिया को
बेचैनी इससे कुछ ख़ास थी...
जे.पी. ने फिर दिमाग लडाया
दिखाए इंडिया का रंग. ख्याल उसको आया ...
टोपी पहनाना सबको, यही है इंडिया का काम,
यही सोच "फंकी हैट" दिया थीम का नाम ...
कबीले के सरदार-रानी ने शुरुआत की
और आगे बढने को हरी झंडी दी ...
फुदकता हुआ खरगोश कहीं से वहां आया,
पास ही बैठा था वहां एक पागल,
खाना खरगोश को उसने खिलाया ...
बीच पर किसी ने क्रिकेट फिर खेला
सुस्त अम्पायर पर गुस्सा सब को आया ...
इतने में कहाँ से न जाने एक लुटेरा आया
क़ाओ- बॉय के संग उसने फिर जोर लड़ाया...
जे.पी. और जयाप्रदा जब मैदान में आये,
ठहाके सबने फिर खूब लगाये ...
गेटउप से उनके आँख न हट पाती थी,
टू- गुड टू- गुड बस यही आवाज़ हर ओर से आती थी ...
No comments:
Post a Comment