Monday, June 27, 2011

टीम इंडिया...

बरसो से आखों में एक ही सपना था
हर बार लगता "वर्ल्ड कप" अपना था...
"टीम इंडिया" भी करती अपनी पूरी तैयारी
सामने मगर दिग्गजों के, साबित होती उनकी लाचारी...
चाहने वाले"टीम इंडिया" के करते थे जश्न की तैयारी
प्रदर्शन से टीम के धरी रह जाती थी सारी तैयारी...
बेटिंग पर अपनी गर्व करके हम खेलने जाते थे
और पड़ते ही दबाब , तिनके से बिखर जाते थे...
बोलिंग में अपनी, जरा न थी जान
फिर भी बचाया कई बार उसने हमारा मान...
समझ न आता था , कहाँ रहती कमी है
इतना बड़ा है देश और सोलह आदमियों की कमी है...
आलोचना पर आलोचना "टीम इंडिया" सही जाती थी
करती थी भरसक कोशिश, मगर कमी रह जाती थी ...
कमर इस बार फिर सबने कड़ी कसी थी
आई फिर इम्तिहान की घडी थी...
नए कोच इस बार हमने मंगवाए थे,
दबाब में न बिखरे हम, सायको ट्रेनर भी मंगवाए थे...
रणनिति यह नई, काम अपना कर गई,
नये कोच की सीख से टीम की ताकत बढ गई...
दबाब में भी अब, अच्छा प्रदर्शन आता था
सारे दबाबो को "टीम इंडिया" का मनोबल झेल जाता था...
हर मोर्चे पर हम डट कर लड़े,
हरा दिग्गजों को आगे बढ़े...
हिम्मत और मेहनत अपना रंग लाई
"२०११" में वर्ल्ड कप "टीम इंडिया" जीत लाई...
२८ साल बाद आई फिर आँखों में नमी है
ग़म नहीं, इस बार ख़ुशी आँखों में जमी है ...

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