बेसब्री कुछ आँखों को, चैन मिला
दिल के ज़ज्बातों को ,एक साहिल मिला ...
मुस्कान होठों की ख़ुशी के गीत गाती थी
ख़ुशी थी कि अंग-अंग के झलक आती थी...
पहले पहले उस स्पर्श की नरमी से
हुआ अनूठा एक एहसास था ...
आँखे थी कि, न कहीं और जाती थी
टकटकी बाँधे, तुम पर ही अटक जाती थी...
घंटे, मिनटों में बदल कब छू हुए
घड़िया तेज चलती नज़र आती थी...
फिर जोर से वहां बदल बरसे
आसमाँ कि आँखों में भी आंसू आये...
क्यों न हो,
तुम उसकी झोली का एक अनमोल मोती
छोड़ उसे, इस धरती पर आये...
जश्न हम उस दिन का मनाते हैं
कदम चूमे हर ख़ुशी तुम्हारे
जन्म दिन पर, बधाई गीत गाते हैं ...
--- अमित १८/०८/२०१०
1 comment:
Sundar geet ...Badhai.
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
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