Sunday, April 19, 2009

जुगाड़ की कहानी ...

बचपन से सुना है एक शब्द हर मोड़ पर ...
नाम है उसका "जुगाड़ "
जो भी मिलता "जुगाड़ " का चर्चा करता ...
कैसे हुआ ये पैदा
इसकी भी अपनी कहानी है ,
जो पेश अपनी जुबानी है ...
हुई जब चाह एक बच्चे की,
किया गया "जुगाड़" के बेटा हो ...
हुआ बडा जब वो बच्चा,
किया "जुगाड़" स्कूल उसका अच्छा हो ...
बच्चे मास्टर जी के भी थे,
किया "जुगाड़" के कुछ टयूशन हो...
स्कूल , कालेज हुआ अब पुरा ,
लगा "जुगाड़" की डिग्रिया जमा ...
डिग्रिया तो आ गई अपने हाथ ,
किया "जुगाड़" नौकरी बाड़िया हो ...
"जुगाड़" सारे काम अपना कर गये ,
पटरी पर आ गई जीवन की गाड़ी ...
अब तो बच्चा जवान हो चला ,
दोहरानी है फ़िर यही कहानी ...
"जुगाड़" भी गज़ब है ,
देता "दो बूँद जिन्दगी की "...
चाहती है दुनिया ,
हमसे मिल जाए उनको भी ये "जुगाड़"...
जानते वो नही ,
चलते हम हिन्दुस्तानी लेकर नाम "जुगाड़"...
-- अमित १९ /०४/२००९

2 comments:

संगीता पुरी said...

चारो ओर बस जुगाड ही जुगाड की कहानी है .. बहुत बढिया।

nishusharma said...

really this is right pic. of indian Jugad ...