आज सुबह सुबह एक दोस्त का सवाल आया
और अमित नये साल का क्या रेजोलुशन बनाया
सवाल अच्छा था, हमे पसंद भी आया
हम ठहरे आलसी जीव, हमने न कभी कोई रेजोलुशन बनाया !
हमने सोचा क्यों न इस सवाल पर गौर किया जाये
और हो सके तो इस साल के लिए के रेजोलुशन बनाया जाये !
रेजोलुशन बनाने की चाह में हमने दिमाग पूरा लगया
और देखिये कैसे कैसे ख्यालो को अपने इर्द गिर्द पाया !
सिगरेट को तो हम कभी पसंद ना आये
फिर छोड़ उसे कैसे दे, जिसे थे ना कभी पाये !
शराब हमसे कभी हज़म ही ना हो पाई
उसकी यही अदा, कभी हमको पसंद ना आई !
पान, गुटखा और सुपारी तो हम वैसे ही नहीं खाते
बुढापे की उम्र है, दांतों से कहाँ ये अब हमारे चब पाते !
फिर सोचा चलो करते है पूरी मैनेजमेंट की पढाई
याद कर फिर सहमे, इंजीनियरिंग में थी जैसे तैसे जान बचाई !
फिर सोचा चलो कोई सर्टिफिकेट ही पास कर आयेंगे
पर प्रोजेक्ट का है बजट कम, रिअम्बेर्स उसको कैसे कर आयेंगे !
चलो और कुछ नहीं, हर महीने कुछ पैसे ही बचायेंगे
पर बाबू अपनी सेलेरी से हम बीस तारीख से आगे कहाँ जायेंगे !
नर्वस नाइनटी में है हम, चलो थोडा वजन घटाएंगे
अरे सचिन ने मारी सौ सेंचुरी, एक तो साहब हम भी लगायेंगे !
प्रण करते है ना करेंगे ऐसा काम, जिससे श्रीमतिजी से डांट खायंगे
लगता यह दिवा-स्वप्न है, हकीक़त शायद इसको ना कर पायेंगे !
अब तक दिया काम को, अब परिवार के साथ समय ज्यादा बितायेंगे
कुछ भी हो भैय्या, यह रेजोलुशन तो इस साल ज़रूर हम निभायेंगे !!!