Tuesday, December 14, 2010

कमियाबी की कीमत ...

चाह है आज सबकी, हो कामियाब,
जिन्दगी हो हसीन, और जमाने में नाम...
ख्याल बे-शक़ ही यह बहुत अच्छा है,
करो मेहनत कामियाबी होगी आप के नाम...
याद मगर एक बात छोटी सी रखना,
कमियाबी, कीमत चुका कर ही आती है...
जितनी मिलती है कामियाबी
चीज़े कुछ उतना ही दूर जाती हैं ..
यह बस एक सौदा है,
थोडा समझ से आप कीजिये...
कामियाबी कितनी भी लीजिये,
कुछ ख़ास चीज़ें पर करीब रख लीजिये ...

(बस दिल में कुछ बे-चैनी थी, इस तरह बहार आ गई )
--- अमित १३/१२/१०

3 comments:

Arun said...

encouraging words....

परमजीत सिहँ बाली said...

बढिया रचना।बधाई।

gyaneshwaari singh said...

bhaut sahi likha hai kuch cheeze pass rakho hameha