सुझाव इस बार लिटिल इंडिया को अनोखा आया
क्यों न सुपर-स्टारों को घर जाए बुलाया
सबने हामी तुरंत भर दी और तयारी शुरू कर दी
पर समय की तंगी ने रंग में भंग कर दी
मगर कुछ शातिर दिमागों ने, महफ़िल फिर हरी कर दी
महफ़िल में लगा हर रंग का तड़का था
सितारों का जोश सबके अंग-अंग में फड़का था
कहीं शायरी के अपनी , तीर चलाते शायर भाई मिले
तो चीनी और लामा भी आ फिर गले मिले
जय-वीरू की दोस्ती देख, फिर हंसी आई
तो बक-बक ने बसंती की, सर सब की दुखाई
नन्ही परी का खून, जालिम एक चुड़ैल ने पिया
और पैसे का शो-ऑफ फिर किसी ने किया
गाँव से अपने, ओंकारा भी आये थे
पारो ने भी वहां, देवदास अपने मनाये थे
कुछ करतब जोकर ने भी अपने वहां दिखाए थे
एक माओवादी ने आ, फिर वहां आतंक मचाया
और आ सकते में, गजनी ने अपना होश गवाया
पुलिस ने भी फिर, हाथ गाने में आजमाया
और गावं की एक छोरी को, मिस-इण्डिया का ख्वाब आया
देख कर माहौल , बड़ा ही अजीब लगता था
चित्रण पागलखाने का, बड़ा सजीव लगता था
यहाँ कौन किस से कम रहने वाला है
सच ही है , लिटिल-इंडिया का अंदाज़ लिराला है ...
( सब दोस्तों से मिल कर एक फेन्सी ड्रेस शो किया , उसकी कहानी मेरी जुबानी )
---अमित ०२/०८/२०१०
4 comments:
पूरे फैन्सी ड्रेस शो का सही चित्रण कर दिया. फोटो भी लगाते.
सही चित्रण कर दिया.
सच ही है , लिटिल-इंडिया का अंदाज़ लिराला है .
bahut khoob,
हाँ, अब फोटो से बात में जान आई..बधाई.
Post a Comment