किसी ने कहा ,
दर्द से जो निकलते है
दर्द से जो निकलते है
वो नगमें ,
सबसे मीठे होते हैं
देखो तो ,
सबसे मीठे होते हैं
देखो तो ,
सच ही लगता हैं
कुछ तो,
कुछ तो कशिश हैं दर्द में
जिसे देखो ,
बस अपनी ओर खींचता हैं
बडा अपनापन,
दर्द के मारो में होता हैं
एक का दर्द,
दुसरे की आंख से बरसता हैं
मेरे दिल में भी,
एक दर्द बसता हैं
रह रह कर जो ,
रह रह कर जो ,
मेरे शेरो में झलकता हैं ,
बिन दर्द के ,
ये ग़ज़ल कहॉ बन पाती हैं
खुशियाँ हो या ना हो,
दर्द हर एक दिल का साथी हैं ...
--- अमित १६/१०/०७
1 comment:
bahut khoob!
durga
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