Tuesday, December 21, 2010
शुरुआत ज़रूरी हैं...
Tuesday, December 14, 2010
कमियाबी की कीमत ...
Monday, December 13, 2010
भैय्या जी ...
Sunday, December 12, 2010
एक नारी यह भी है ...
दुनिया किस और जा रही है आप को बताता हूँ
आइये , एक नारी से आप को मिलाता हूँ ...
बस से मैं ऑफिस जा रहा था,
आज दिन में नहीं, दोपहर में जा रहा था...
बस आ एक स्टॉप पर रुकी,
एक बीस-बाईस साल की युवती उसमे चढ़ी...
बगल में सीट हमारी खाली थी
आ वो उस सीट पर धरी...
शरीर पर उसके कपडे का बस किया नाम था,
कपड़ो से बड़ा बैग, लिया उसने अपने हाथ था...
बैठते ही , बैग उनका खुला
और बड़े बैग में के छोटा बैग मिला...
छोटे बैग से सबसे पहले शीशे साहब बहार आये,
देख अपना चेहरा युवती के अजीब से भाव आये...
फिर शरमाती हुई लिपस्टिक जी बाहर आईं
सूखे होठों की लाली फिर उसने बढ़ाई...
फेस पावडर की अबके बारी थी,
चेहरे में जान डालने की उसकी जम्मेदारी थी ...
इस के बाद एक और चीज़ निकल कर आई,
क्या थी वो, मुझ मुर्ख को समझ न आई ...
अब सबसे ज़रूरी चीज़ बाहर आई,
इस बार वह युवती इत्र में नहाई ...
यह बहुत ज़रूरी था,
पानी से नहाना न इतना ज़रूरी था...
देख कर यह सब, थोडा हमको हंसी आई
मगर इस किर्याकलाप में उसके जरा झेप न आई...
सच में नारी सदा ही महान है, जो चाहे करती है
नई दुनिया का निर्माण वही करती है ...
(यह व्यंग सिर्फ उस युवती विशेष पर है, अन्यथा न लें ...)
Thursday, December 2, 2010
तोहफ़ा ...
दिन हमारा ख़ास आ रहा है
दे तुम को तोहफ़ा क्या
ख्याल दिल में बारबार आ रहा है...
सोचा तुम से ली जाए कुछ राय
ख्याल आया,
जो पूछ कर लाया, तो क्या तोहफ़ा लाया...
पास तुम गर हमारे होते
देते एक बोसा और
जुल्फों में कलियाँ पिरोते...
दूर हो तुम, दिल में जरा मलाल है,
क्या हुआ जो बीच अपने मीलों की दूरी है
देखे जो दिल में, तस्वीर तुम्हारी पूरी है...
सोचा कि, सोना-चाँदी का लाये गहना,
चंद दिन बाद तालो में है बस उनको रहना
सुना है, " हीरा है सदा के लिए !!!"
कीमत न है कुछ उसकी,
कीमती मुस्कान उससे , तुम हो खुद लिए...
मिल जाए मुझे, शायद हजार चीज़े बाजार में
"जड़ ये चीज़े" रखती न कुछ एहमियत, तुम्हारे प्यार में...
देना अब के है कुछ ऐसा तोहफा,
यादों में सुखद एहसास सा, जो रहे महका...
आदमी के "बोलो" में होती वोह बात
दूर हो कितने, रहते दिल के पास...
कितना प्यार तुम को करते है,
कविता में अपनी बतायेगे,
छोड़ के झूठे तोहफे, हाल अपने दिल का बताऊंगा
बना के गुलदस्ता अपने जज्बातों का
तोहफ़ा तुम को मैंने देने आऊँगा !!!