नया युग आने को हैं,
चिन्ह देते हैं, आज दिखाई
आकर्टिक और हिमालय से पिघलती बर्फ,
देती हैं इसकी गवाही...
आने को हैं, नया
युग चिन्ह देते हैं आज दिखाई
धरती का सीना चीर,
जो कल भूकम्प आया था
संदेशा वह यही लेकर आया था
आने को हैं नया युग
चिन्ह देते हैं आज दिखाई
रेगिस्तान में आती ,
बाढ़ और पड़ती बर्फ पचास साल बाद
हमको अब चेताती हैं ...
संभल ऐ इन्सान
आने को हैं नया युग
चिन्ह देते हैं आज दिखाई,
ऊँची लहरे सुनामी कि
दिखाती अपना विकराल स्वरुप
देख के उसकी शक्ति अपार
बोना लगा आज इन्सान
इतनी गलतिया कर चूका इंसान
कि अब संभल पाना है कठिन ...
नए युग कि अब पूरी तैयारी है
देखना बस येँ है, कि...
किस कि बारी है
हम करेंगे इसका स्वागत
या पड़ना है येँ हमारे बच्चो पे भारी ...
--- अमित 0१/०१/२०१०
1 comment:
Arey Amit bhai,,tum to Kavi ho...aapka yeh swaroop to aaj dekha hamne....Maja aa gaya bhai..
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