Wednesday, December 19, 2007

रिश्ता ...

रिश्ता ,
शब्द एक छोटा सा ,
और अर्थ
जटिल बडा
कुछ है जो
रिश्तो को जी ते है
तो कुछ
रिश्तों के साथ जी ते है
सच में
उसने हमारे रिश्ते को जिया
और यह एहसास
ना जाने कितनी बार मुझे हुआ
मैं ,
मैं भी कभी
रिश्ते के साथ नही जिया
बस , रिश्ते को ही जिया
पता नही ,
उसको क्यों लगा
मैंने कुछ गलत किया
समझाता, मैं क्या उसे
बदला, उसने मुझसे गलत लिया
छोड़ मुझे अकेला
दूसरी दुनिया का रुख उसने लिया ...
--- अमित १९/१२/२००७

3 comments:

Yatish Jain said...

"कुछ है जो
रिश्तो को जी ते है
तो कुछ
रिश्तों के साथ जी ते है "
बहुत खूब ...

Rachna Singh said...

good one amit

Manju Saxena said...

Nice feelings...