Monday, November 1, 2010

गुणगान !!!

बुजुर्गों का कहा बहुत असर रखता है,

आज भी देखो अगर सब खरा उतरता है !

अपने बीच ऐसे प्राणी है, देख जिन्हें

"नंग बड़ा परमेश्वर से" कहना सही लगता !

शांत लोगो को, कहाँ ये बक्शते है

उनकी हरकत का बखान, हम यहाँ करते है !

पहली कुछ मुलाकातों में सोम्य उसका रूप था,

वो और कुछ नहीं "भेड़ की खाल में भेड़िया" का रूप था !

बाते यह धीरे धीरे जब खुल कर आई,

"मुंह में राम, बगल में छुरी" अदा जब उन्होंने दिखाई!

शुरू में सोचा कुछ ने, उनको जाए समझाया,

जो लगा मानो "भैंस के आगे बीन बजाया" !

यह उन में से है " जो अकाल के पीछे लठ रखते है"

"बिच्छु का मन्त्र जानते नहीं, और खिलवाड़ साँप से करते है" !

भगवान ही शायद जाने, किस बात का है इनको गुमान,

असल में यह है " ऊँची दुकान और फीके पकवान" !

सोचते यह है ऊँची आवाज से सब दब जायेंगे,

समझदार है लोग" कीचड़ में पत्थर" क्यों मारने जायेंगे!

और कितनी पहचाने इनकी बतायेंगे,

"समझदार को इशारा काफी" आखिरी कहावत बस यही सुनायेंगे !


--- अमित १/११/२०१०